ये कविता हर इंसान के लिए है, महज़ लड़कियों के लिए नहीं, हर उस इंसान के लिए, जो सांस ले रहा है, जी रहा ... ये कविता हर इंसान के लिए है, महज़ लड़कियों के लिए नहीं, हर उस इंसान के लिए, जो सां...
तुम गर्म चाय की प्याली हो तुम्हारी मुस्कान निराली हो। तुम क्या हो मेरे लिए इस बेस तुम गर्म चाय की प्याली हो तुम्हारी मुस्कान निराली हो। तुम क्या हो मेरे लिए ...
तुम मुझसे अलग कहाँ तुम मुझसे अलग कहाँ
कुटिया लगे संसार ये, तुम राजमहल हो हाँ माँ तुम कितनी कुशल हो। कुटिया लगे संसार ये, तुम राजमहल हो हाँ माँ तुम कितनी कुशल हो।
फिर इक रोटी और दो बूंद पानी का दाम ये पैसा चुका ना पाएगा, फिर तिरस्कृत और अक्षम्य मनुष फिर इक रोटी और दो बूंद पानी का दाम ये पैसा चुका ना पाएगा, फिर तिरस्कृत और अक्...
खामोशी टूट जाए रंगों से भर जाए यह दुनिया फिर से । खामोशी टूट जाए रंगों से भर जाए यह दुनिया फिर से ।